गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

....इमोशनल अत्याचार...जुर्म


कहते है इश्क खुदा की इबादत होता है..पर आजकल के जमाने में मानों इस इबादत को ग्रहण सा लग गया है..आज फ़िर एक नामुराद ने इस इबादत को कलंकित किया है..कत्ल कर दिया है उस भरोसे, उस विश्वास का जो किसी भी रिश्ते का आधार होती है...सरेआम नीलाम कर दिया उस इज्जत को जिसकी रखवाली का जिम्मा किसी ने उसे बड़ी शिद्दत से दिया था...
एक लड़की के हो सकने वाले पति ने उसका एमएमएस बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया इतना ही नहीं...लड़की के तमाम दोस्तों और अपने दोस्तों को लड़की के ही आई डी से इसे भेज भी दिया...

तह्कीकाती टीम के रिपोर्टर्स के अनुसार नोयडा के एक प्रतिष्ठित मैनेजमेंट कालेज में पढने वाली लड़की तान्या(काल्पनिक नाम) की शादी शान बाबा नामक लड़के से उसके परिवार वालों ने तय कर दी थी. आने वाले कुछ ही दिनों में दोनों परिनय सूत्र में भी बंधने वाले थे... पर कीन्ही कारणों से लड़की ने उस लड़के से शादी करने से इनकार कर दिया..उसे लड़का पसंद नहीं था शायद... या न करे एक बालिग़ हो चुकी लड़की का पूरा हक़ है कि जिससे चाहे शादी करे...भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी उसपर दबाव नहीं बना सकता..अगर किसी ने ऐसा किया तो यह संविधान की अवमानना होगी...पर अपराधियों की परिभाषा ही तो यही है कि वो ख़ुद को ज्यादा शातिर और सयाना समझकर ये गलती कर बैठता है...
जुर्म की एक और घंटी बज चुकी है... पुलिस बेचैन है,वो तथाकथित गुनाहगार को उसके अंजाम तक पहुचाकर उसे कानून की ताकत बताना चाहती है..पर वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही...टी वी चैनलों और अखबारों की सुर्खियों में आ चुके इस अपराध में अभी तक पीडिता ने एफआईआर तक नहीं लिखाई..और बगैर एफआईआर के पुलिस चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती...कानून की भी कुछ अपनी बंदिशे कुछ सीमाएं होती हैं...
पर जब भी जुर्म का पानी कानून से ऊपर चढ़ने की हिमाकत करता है...कानून पंहुचा देता है उन्हें उनके अपने अंजाम तक यानी कि फौलादी सलाखों के पीछे...
बजहिरी इसबार भी ऐसा ही होगा...इन्तजार है उन कानूनी अड़चनों के हटने का...और फ़िर अपराधी होंगे सलाखों के पीछे..
तहकीकात जारी है...
आलोक सिंह "साहिल"

5 टिप्‍पणियां:

  1. लिखा आपने अच्छा है पर यह चित्र अजीब लगा ..इसके बिना भी आप अपनी बात कह सकते थे

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  2. वक्त है जब तहकीकात हो और तह खुलें ताकि ऐसे दुराचारों / जुर्मों की तह बनाने वाले जान लें कि किसी भी तह में जाकर छुपना अब बचा नहीं पायेगा ...

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